कुतुबमीनार से भी ऊंची बनेगी ये शिव मूर्ति, त्रिशूल भी होगा खास


नाथद्वारा. यहां के गणेश टेकरी में ध्यान मुद्रा में बैठे शिवजी की 351 फीट ऊंची शिव प्रतिमा नव वर्ष में नया आनंद लेकर आएगी। तांबई रंग की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का 80 प्रतिशत काम हो चुका है। साल के अंत तक इसके पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रतिमा अब आकार लेने लगी है। बता दे कि कुतुब मीनार की उंचाई करीब 239 फीट है। जानें क्या होगा खास...
- यहां पार्क सहित बच्चों के लिए झूले, पार्किंग, शहरवासियों के मॉर्निंग वॉक के लिए 1.25 किमी लंबा वॉक वे, शिव भक्तों के लिए 300 फीट की परिक्रमा बनाई जाएगी।
- प्रतिमा स्थल 25.42 बीघा में होगा। प्रतिमा का एरिया 27 हजार स्क्वायर फीट यानी करीब एक बीघा में होगा। बाकी 25 बीघा में 15 हजार 300 स्क्वायर फीट में हर्बल टेरिस गार्डन बनेगा।
- इसका शिलान्यास 18 अगस्त 2012 को संत मुरारी बापू ने किया था। काम शापुरजी पालनजी लिमिटेड कंपनी करवा रही है। करीब 600 मजदूर और 100 कर्मचारी मूर्ति बनाने के काम में जुटे हैं। यहां नर्सरी, कैफेटेरिया, कॉटेज, ओपन थियेटर, म्यूजिकल लाइटिंग फाउंटेन, रिसेप्शन प्लाजा सहित कई सुविधाएं होगी।
- शिव प्रतिमा के साथ 4 लिफ्ट और 3 सीढ़ियां बनेंगी। पर्यटक 110 फीट ऊंचाई तक जाकर दर्शन कर सकेंगे। इससे ऊपर कर्मचारियों और वीआईपी को ही जाने की अनुमति होगी। आधार सहित शिव प्रतिमा की ऊंचाई 351 फीट होगी।

क्या होगी खासियत

3000 टन स्टील
30 हजार टन प्रतिमा का वजन
315 फीट होगी त्रिशूल की लंबाई
16 फीट ऊंचा होगा जूड़ा
60 फीट लंबा होगा महादेव का चेहरा
275 फीट की ऊंचाई पर गर्दन
160 फीट की ऊंचाई पर कंधा
175 फीट की ऊंचाई पर महादेव का कमरबंद
150 फीट पंजे से घुटने तक की ऊंचाई
65 फीट लंबा पंजा
110 फीट का आधार

सिडनी में होगी जांच

- मिराज ग्रुप द्वारा बनवाई जा रही इस प्रतिमा को स्टील रॉड के मॉड्यूल की सहायता से बनाएंगे। स्टील से हर एक फीट पर सरिये की मदद से ढांचा तैयार कर इसमें कंकरीट भरी जाएगी। इस पर तांबा चढ़ाया जाएगा।
- प्रतिमा की सुरक्षा गुणवत्ता की जांच सिडनी में होगी। इसके लिए एक मीटर का मॉडल बना कर उसे विंग टनल में टेस्टिंग किया जाना है। ऊंचाई पर होने के कारण हवा के वेग तथा भूकंप के अधिकतम दबाव को ध्यान में रखते हुए 250 साल में आने वाले भूंकप की अधिकतम क्षमता, हवा के वेग सहित सुरक्षा को ध्यान में रखकर करवाया जा रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए 4 लिफ्ट, 3 सीढ़ियां

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